लगातार चौथे दिन पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी

पेट्रोल की कीमतों को लेकर राज्यसभा में तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार तेल कीमतों में राहत देने के लिए उत्पाद शुल्क घटाने पर विचार नहीं कर रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत पिछले 1 साल में पहली बार 61 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गई है। जानें, कैसे बढ़ जाता है पेट्रोल-डीजल के दाम---- पेट्रोल और डीजल के दामों में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना बढ़ जाता है। केंद्र सरकार की एक्साइज ड्यूटी और राज्यों सरकारों का वैट हटा दिया जा ए तो डीजल और पेट्रोल का रेट लगभग 27 रुपये लीटर होता है, लेकिन चाहे केंद्र हो या फिर राज्य सरकार दोनों किसी भी कीमत पर टैक्स नहीं हटा सकती। क्योंकि राजस्व का एक बड़ा हिस्सा यहीं से आता है और इन्हीं पैसों से विकास होता है। बता दें पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा था कि दिल्ली में पेट्रोल के दाम में केंद्र सरकार के उत्पाद शुल्क का हिस्सा 32.98 रुपये है। वहीं इसमें राज्य सरकार के बिक्री कर या मूल्य वर्धित कर (वैट) का हिस्सा 19.55 रुपये है। हर सुबह होती हैं कीमतें तय----- जानकारी के मुताबिक विदेशी मुद्रा दरों के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में क्रूड की कीमत के आधार पर ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में रोजाना बदलाव होता है। इसी के साथ ऑयल मार्केटिंग कंपनियां कीमतों की समीक्षा के बाद रोजाना पेट्रोल और डीजल के रेट तय करती हैं। इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम रोजाना सुबह 6 बजे पेट्रोल और डीजल की दरों में संशोधन कर जारी करती हैं।


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