आरोपी को नाबालिग मानने से किया इंकार, बालिग के तौर पर चलेगा मुकदमा
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में साल 2018 के दौरान एक छोटी बच्ची से रेप के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। वहीं कोर्ट ने कठुआ गैंगरेप और हत्या मामले के आरोपी के आरोपी को नाबालिग मानने से साफ मना कर दिया है। वहीं कोर्ट ने बुधवार को कहा कि कठुआ में आठ साल की बच्ची से सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या के सनसनीखेज मामले का आरोपी नाबालिग नहीं है और अब उसके खिलाफ वयस्क यानी बालिग के तौर पर नए सिरे से मुकदमा चलाया जा सकता है। वहीं कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें आरोपी को नाबालिग करार दिया गया था। क्या रहा सुप्रीम कोर्ट का फैसला---- सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि वैधानिक सबूत के अभाव में किसी अभियुक्त की उम्र के संबंध में चिकित्सकीय राय को -दरकिनार- नहीं किया जा सकता। हालांकि जस्टिस अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा, -अभियुक्त की आयु सीमा निर्धारित करने के लिए किसी अन्य निर्णायक सबूत के अभाव में चिकित्सकीय राय पर विचार किया जाना चाहिए। वहीं चिकित्सकीय साक्ष्य पर भरोसा किया जा सकता है या नहीं, यह साक्ष्य की अहमियत पर निर्भर करता है।
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